कभी पागल तो कभी दीवाना कहती हो,
कभी दोस्त तो कभी दोस्ताना कहती हो,
कैसे माफ़ कर दूँ तुम्हें,
पहले जानबूझकर ग़लती करती हो फिर सॉरी कहती हो।

अगर माफी मांगने से ख़ुशी वापस आ जाती है,
तो कभी पीछे मत हटना चाहे हार क्यू ना जाओ।
गलती हुई है तो माफ कर दिया करो,
यू हमें नज़रअंदाज़ मत किया करो।