न तेरी शान कम होती न रुतबा ही घटा होता,
जो गुस्से में कहा तुमने वही हँस के कहा होता।

जब मेरी वजह से कोई हर्ट होता है न,
तो कुछ देर बाद उनसे ज़्यादा बुरा मुझे लगता है।
नाराज क्यों होते हो हमसे,
गलती हो जाए,
तो माफ कर दिया करो।
न तेरी शान कम होती न रुतबा ही घटा होता,
जो गुस्से में कहा तुमने वही हँस के कहा होता।
जब मेरी वजह से कोई हर्ट होता है न,
तो कुछ देर बाद उनसे ज़्यादा बुरा मुझे लगता है।
नाराज क्यों होते हो हमसे,
गलती हो जाए,
तो माफ कर दिया करो।