कर देना माफ मुझे दिल से अगर तोड़ा हो कभी दिल आपका
जिंदगी का क्या भरोसा कल कफ़न में लिपटा मिले आपको ये चेहरा मेरा

रिश्तों में दूरियाँ तो आती-जाती रहती हैं,
फिर भी दोस्ती दिलो को मिला देती है,
वो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी न हो,
पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना ही लेती है।
चलो भूल जाते हैं ग़लतियों को,
कुछ हम माफी मांग लेते हैं
और कुछ तुम।