जिस्म की सजा में रूह का गुनाहगार हूँ
वक्त के दस्तूर में लिपटा फासलों से घिरा तेरा प्यार हूँ

छोटी छोटी बातों पे नाराज मत हुआ करो,
मज़ाक करता हूँ दिल पर मत लिया करो,
क्या पता कितने दिन का है साथ हमारा,
जितने भी पल हैं हंस कर साथ जिया करो।
दोस्त है हम तुम्हारे,
नाराज हो सकते हैं,
पर कभी नफरत नहीं कर सकते।