नाराज क्यूँ होते हो किस बात पे हो रूठे
अच्छा चलो ये माना तुम सच्चे हम ही झूठे
कब तक छुपाओगे तुम हमसे हो प्यार करते
गुस्से का है बहाना दिल में हो हम पे मरते

खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
माफी मांग लेने से
कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता,
माफी मांग लेने से रिश्तों की
नाराज़गी दूर हो जाती है।