छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में,
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में,
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई,
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में।

उसने दोस्ती का ऐसा सिला दिया,
अपने मतलब के लिए उसने,
मेरी दोस्ती को भुला दिया।

छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में,
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में,
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई,
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में।
उसने दोस्ती का ऐसा सिला दिया,
अपने मतलब के लिए उसने,
मेरी दोस्ती को भुला दिया।