Bewafa Ki Shayari

महबूब की बेवफ़ाई में अक्सर
दिल अपने प्यार से नहीं
अपने आप से रूठ जाता हैं✍

एक तेरी खातिर परेशान हूँ मैं,
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं,
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर,
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।

कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।

Bewafa Shayari

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